यदि गलती से भी बीजेपी आ गई तो इसके बाद चुनाव ही नहीं होंगे : अनुराग ढांडा

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कुरुक्षेत्र, 06 मई:आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. सुशील गुप्ता के समर्थन में थानेसर में जनसभा की। इस दौरान 40 से ज्यादा लोग अन्य पार्टियों को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर उनके साथ एडवोकेट दिनेश सिन्धड़, ओम सिंह, निशी गुप्ता, रीना वाल्मीकि, मास्टर वीरेंद्र, दिलबाग चौहान, खुशबीर सलारपुर, कमल चाहर, कृष्ण कुमार और जयराम कश्यप मौजूद रहे।
उन्होंने कहा देश के संविधान में लिखा है कि पांच साल बाद चुनाव होगा और जनता के हाथ में ताकत होगी। जो जनता की बात सुनेगा वो राज करेगा, नहीं तो जनता गद्दी से नीचे गिरा देगी। पांच साल में एक बार ऐसा समय आता है जब नेता आपके पीछे घूमते हैं नहीं तो पूरे पांच साल जनता नेताओं के पीछे घूमती है। किसान को एमएसपी चाहिए, युवाओं को रोजगार चाहिए और यदि हमारा कोई बच्चा विदेश में फंस गया तो उसको निकालने के लिए सरकार के नेताओं के पास जाना पड़ता है। देश की पहलवान बेटियों को अपने मान सम्मान की रक्षा के लिए नेताओं के पास जाना पड़ा। लेकिन उनको सड़कों पर घसीटा गया। जब सरपंचों को भी अपने अधिकार के लिए चंडीगढ़ नेताओं के दरवाजे तक जाना पड़ा, तो उन पर लाठियां बरसाई गई। पांच साल में केवल एक मौका ऐसा आता है जब ये नेता मतदाता के पास आते हैं। लेकिन अब आपके पास मौका है कि जितनी बार आपको उन नेताओं के पास जाना पड़ा और जैसा व्यवहार आपके साथ किया अब उसका हिसाब लेने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि जब हरियाणा पंजाब के किसान और मजदूर दिल्ली जाना चाहते थे तो इस सरकार ने उनके रास्तों में कीलें ठोक दी। जिन मंत्रियों को हमने चुन कर भेजा किसान दिल्ली में उनके घर पर जाना चाहते थे, लेकिन इन्होंने कहा आप हमारे घर नहीं आ सकते। तो अब चुनाव में इन नेताओं की भी हिम्मत नहीं है कि वो हमारे गांव और घर में घुस सके। जनता को हिंसा करने की जरुरत नहीं है, लेकिन इन्होंने जितना आपका अपमान किया उतनी जोर से बटन दबा देना। आपकी एक अंगुली जो अपने आपको तानाशाह समझता है उसको कुर्सी से खींचकर मिट्टी में मिला सकती है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी देश के संविधान को खत्म करना चाहती है। धारा 19,1बी कहती है कि हम देश में कहीं भी आने जाने के लिए आजाद हैं। पहली बार देश में ऐसी सरकार आई कि जब किसान संघर्ष करने के लिए दिल्ली जाना चाहते थे तो उनको नहीं जाने दिया। इसका मतलब हमारा संवैधानिक अधिकार छीन लिया। धारा 19,1डी में लिखा है कि यदि सरकार तर्कपूर्ण और जायज मांग नहीं मानती तो प्रदर्शन का अधिकार है। लेकिन पहली बार ऐसी सरकार आई है कि किसी को न प्रदर्शन करने देते हैं और न बोलने देते हैं, उठाकर जेल में डाल देते हैं। जब किसानों ने प्रदर्शन करना चाहा तो उन पर गोलियां और आंसू गैस के गोले चलाए। पासपोर्ट छीनने और संपत्ति जब्त करने की धमकियां दी। यदि एमरजेंसी का दौर छोड़ दो तो देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। बीजेपी संविधान में मिली हुई ताकतों को खत्म करती जा रही है।

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