कैथल: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन के तहत आम प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने प्रेसवार्ता कर हरियाणा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक भी सांसद ने काम नहीं किया। कुरुक्षेत्र जिले में लड़कों के लिए एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है। अस्पतालों की हालत खराब है। कैथल में पिछले 10 साल में भाजपा बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों के लिए एक भी नया प्रोजेक्ट नहीं लेकर आई। भाजपा ने छह साल पहले सिटी स्कवेयर बनाने की घोषणा की थी, जो कैथल का ड्रीम प्रोजक्ट कहा जाता था। ये 54 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होना था, जो 2021 में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। यदि हम कैथल के इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो आधा दर्जन प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जो केवल कागजों में है। कैथल पटियाला हाईवे से सीधा 50 से ज्यादा गांव को फायदा होना था। केंद्र सरकार की 130 करोड़ रुपए की मंजूरी के बाद भी यहां का सांसद इस पर काम शुरू नहीं करा पाया।
उन्होंने कहा कि जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र ऐलिवेटेड रेलवे ट्रैक का प्रोजेक्ट कई सालों से अटका पड़ा है। मुख्यमंत्री ने भी इसकी घोषणा की थी कि इस प्रोजेक्ट को पूरा कराउंगा, लेकिन ये प्रोजेक्ट भी केवल कागजों में सिमट कर रह गया। ये लोग आपस में पैसों की बंदरबाट कर लेते हैं। भाजपा सरकार में असल में तो प्रोजेक्ट आता नहीं और आता है तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। सहकारिता विभाग में 100 करोड़ रुपए के घोटाले के तार कैथल से जुड़े हैं, जो सीधे सहकारिता मंत्री से जाकर मिलते हैं। केंद्र सरकार ने कैथल सहकारिता विभाग के लिए जिले के विभिन्न बैंकों को कंप्युटर और फर्नीचर खरीदने के लिए पैसे भेजे थे जो इन्होंने बांट कर खा लिए।
उन्होंने कहा कि कैथल में भ्रष्टाचार का गिरोह चल रहा है। ये लोग नए प्रोजेक्ट लगाने की घोषणा कराते हैं और सरकार से पैसे अप्रूव कराते हैं। फिर पैसे को प्रोजेक्ट में लगाने की बजाय अपनी जेब में भर लेते हैं। यहां खेल स्टेडियम था जिसे भाजपा ने खंडहर बना दिया, पिछले 10 साल में एक भी नई सड़क नहीं बनी, प्रॉपर्टी और फैमिली आईडी के नाम पर खेल खेला जा रहा है। आईसी कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने के बाद सारे पैसे का भुगतान कर दिया। जनता प्रॉपर्टी आईडी को ठीक कराने के लिए धक्के खा रही है।
उन्होंने कहा मैं नवीन नवीन जिंदल से पूछना चाहता हूं कि जिस भाजपा ने उनपर 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपए का कोयला चोरी का आरोप लगाया था वो सही था या झूठ ? यदि सही था तो क्या नवीन जिंदल ने पैसे जमा करा दिए और झूठा था तो कहते क्यों नहीं झूठा था। नवीन जिंदल डरा हुआ है। यदि नवीन जिंदल पिछले 10 साल जमीन पर होते तो उन्हें पल्लेदारी नहीं करनी पड़ती। अब भी एक जगह से दूसरी जगह पर हेलिकॉप्टर से चल रहे हैं। नवीन जिंदल ने मजदूरों से झंडे लगवा लिए लेकिन उनको पैसे नहीं दिए अब मजदूर कोस रहे हैं। नवीन जिंदल के पीए किसी को नजदीक भी नहीं आने देते। उन्होंने नवीन जिंदल के 5 किलोमीटर की रेस लगाने के सवाल पर कहा कि नवीन जिंदल ईडी से बचने के लिए 5 किलोमीटर की रेस लगाते हैं। यदि पीएम मोदी नवीन जिंदल के प्रचार में आएंगे तो उनसे कुरुक्षेत्र लोकसभा की जनता पूछेगी कि कोयला घोटाले का क्या हुआ।